आप सभी को भाई दूज / यम द्वितीया की हार्दिक शुभकामनायें
गुरुवार का पंचाग, Guruwar Ka Panchag, 23 October 2025 Ka Panchang,
बृहस्पतिवार का पंचांग, Brahaspativar ka panchang,
- Panchang, पंचाग, ( Panchang 2025, हिन्दू पंचाग, Hindu Panchang ) पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-
1:- तिथि (Tithi)
2:- वार (Day)
3:- नक्षत्र (Nakshatra)
4:- योग (Yog)
5:- करण (Karan)
पंचाग (panchang) का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग (panchang) का श्रवण करते थे ।
* शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
* वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
* नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
* योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
* करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।
जानिए आज गुरुवार का पंचांग, Guruwar Ka Panchag,
मंगल श्री विष्णु मंत्र :-
मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥
आज का पंचांग, aaj ka panchang, गुरुवार का पंचाग, Guruvar Ka Panchag,
गुरुवार का पंचाग, Guruwar Ka Panchag,
23 अक्टूबर 2025 का पंचांग, 23 October 2025 Ka Panchang,
- गुरुवार का पंचाग, Guruwar Ka Panchag, 23 अक्टूबर 2025 का पंचांग,
- दिन (वार) – गुरुवार के दिन तेल का मर्दन करने से धनहानि होती है । (मुहूर्तगणपति)
- गुरुवार के दिन धोबी को वस्त्र धुलने या प्रेस करने नहीं देना चाहिए ।
गुरुवार को ना तो सर धोना चाहिए, ना शरीर में साबुन लगा कर नहाना चाहिए और ना ही कपडे धोने चाहिए ऐसा करने से घर से लक्ष्मी रुष्ट होकर चली जाती है । - गुरुवार को पीतल के बर्तन में चने की दाल, हल्दी, गुड़ डालकर केले के पेड़ पर चढ़ाकर दीपक अथवा धूप जलाएं ।
इससे बृहस्पति देव प्रसन्न होते है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है ।
इन उपायों से जानलेवा कोरोना वाइरस रहेगा दूर, कोरोना का जड़ से होगा सफाया, - गुरुवार को चने की दाल भिगोकर उसके एक हिस्से को आटे की लोई में हल्दी के साथ रखकर गाय को खिलाएं, दूसरे हिस्से में शहद डालकर उसका सेवन करें।
इस उपाय को करने से कार्यो में अड़चने दूर होती है, भाग्य चमकने लगता है, बृहस्पति देव की कृपा मिलती है।
यदि गुरुवार को स्त्रियां हल्दी वाला उबटन शरीर में लगाएं तो उनके दांपत्य जीवन में प्यार बढ़ता है।
और कुंवारी लड़कियां / लड़के यह करें तो उन्हें योग्य, मनचाहा जीवन साथी मिलता है।
गुरुवार को विष्णु जी की उपासना अवश्य करनी चाहिए, गुरुवार को विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ परम फलदाई है।
धनतेरस के दिन पूजा के बाद सबसे पहले इस चीज़ का करें सेवन, पूरे वर्ष धन सम्बन्धी कार्यो में नहीं आएगी कोई भी बाधाएं,

- *विक्रम संवत् 2082,
- * शक संवत – 1947,
*कलि संवत 5127,
* अयन – दक्षिणायन,
* ऋतु – शरद ऋतु,
* मास – कार्तिक माह
* पक्ष – शुक्ल पक्ष
*चंद्र बल – मेष, वृषभ, सिंह, तुला, धनु, मकर,
गुरुवार को बृहस्पति देव की होरा :-
प्रात: 6.21 AM से 7.016 AM तक
दोपहर 01.12 PM से 2.16 PM तक
रात्रि 20.11 PM से 9.13 PM तक

आज गुरुवार के दिन बृहस्पति की होरा के समय दाहिने हाथ की तर्जनी ऊंगली ( अंगूठे के बगल वाली उंगली ) के नीचे गुरु पर्वत और उस पूरी ऊंगली पर बृहस्पति देव के मंत्र का जाप करते हुए अधिक से अधिक रगड़ते / मसाज करते रहे ( कम से कम 10 मिनट अवश्य ) I
गुरुवार को बृहस्पति की होरा में अधिक से अधिक बृहस्पति देव के मंत्रो का जाप करें । शिक्षा, मान – सम्मान, व्यापार, कारोबार, नए कार्यो के प्रारम्भ के लिए गुरुवार की होरा अति उत्तम मानी जाती है ।
गुरुवार के दिन बृहस्पति की होरा में बृहस्पति देव के मंत्रो का जाप करने से कुंडली में गुरु ग्रह मजबूत होते है, पूरे दिन शुभ फलो की प्राप्ति होती है ।
बृहस्पति देव के मन्त्र
ॐ बृं बृहस्पतये नमः।। अथवा
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः।।
भाई दूज के दिन अवश्य पढ़िए यह कथा, रोग, अकाल मृत्यु से होगा बचाव, पूरे वर्ष सुख – सौभाग्य की होगी प्राप्ति
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- तिथि (Tithi) :- द्वितीया 22.47 PM तक तत्पश्चात तृतीया
- तिथि का स्वामी – द्वितीया तिथि के स्वामी भगवान ब्रह्मा जी और तृतीया तिथि की स्वामी माँ गौरी और कुबेर देव जी है ।
भाई दूज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है इसे यम द्वितीया भी कहते हैं। यह पर्व भाई के प्रति बहन के स्नेह को दर्शाता करता है इस पर्व में बहनें अपने भाई के सौभाग्य के लिए उनके मस्तक पर तिलक लगाकर उनकी सुख – समृद्धि और दीर्घायु के लिए कामना करती हैं ।
इस पर्व में भाई अपनी बहन के घर जाकर उसके हाथ का बना भोजन करते है और बहन को अपनी सामर्थ्य के अनुसार उपहार देकर उससे आशीर्वाद प्राप्त करते है ।
मान्यता है की इस दिन यमराज जी अपनी बहन यमी के यहाँ उससे मिलने जाकर वहां पर भोजन करते है, और इस दिन नरक में पड़े हुए प्राणियों को दण्ड नहीं भोगना पड़ता है ।
इस दिन के लिए स्वयं यमराज ने कहा है की “जो व्यक्ति आज के दिन यमुना में स्नान करके बहन के घर पूर्ण श्रद्धा से अपने तिलक करवाएंगे अपनी बहन को पूर्णतया संतुष्ट करेंगे उसके हाथ से बनाया भोजन प्रेम पूर्वक करेंगे वे कभी भी अकाल मर्त्यु को प्राप्त करके मेरे दरवाजे को नहीं देखेंगे ।”
लिंग पूरण में वर्णित है की जो कन्या / स्त्री इस दिन अपने भाई का पूजन करके उसको तिलक नहीं लगाती है उसका सम्मान नहीं करती है वह सात जन्म तक बिना भाई के ही रहती है ।
शास्त्रों के अनुसार भाई दूज / यम द्वितीया के दिन जो भाई-बहन यमुना नदी या किसी भी नदी में स्नान करते हैं उन्हें यमराज का भय नहीं होता है, नरक के दर्शन नहीं होते है।
भाई दूज के सम्बन्ध में शास्त्रों में यमराज और उनकी बहन यमी की कथा मिलती है मान्यता है कि भाई दूज के दिन उस कथा को पढ़ने से भाइयों का कल्याण होता है, भाई और बहन किसी को भी नरक के दर्शन नहीं होते है, इसलिए भाई दूज के दिन यमुना और यमराज की इस कथा को हर भाई बहन को अवश्य ही पढ़ना / सुनना चाहिए।
इस दिन बहनें घर के आंगन को गोबर से लीप कर अपने भाइयों को लकड़ी की चौकी / स्टूल / कुर्सी पर बैठाकर उसके माथे पर रोली का तिलक लगाकर उसपर खील या अक्षत लगाती है, टीका लगवाते समय भाइयों का मुंह पूरब दिशा की तरफ होना चाहिए ।
बहनो को भाइयों का तिलक करते समय एक मन्त्र को भी अवश्य ही बोलना चाहिए, इससे भाइयों की सभी दिशाओं से रक्षा होती है ।
भाई दूज के दिन बहने इस मुहूर्त में लगाएं भाइयों को लगाएं तिलक, अवश्य पढ़ें यमराज का दीर्घ आयु प्रदान करें वाला मन्त्र, भाई दूज का शुभ मुहूर्त

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नक्षत्र (Nakshatra) – विशाखा 04.51 AM शुक्रवार 24 अक्टूबर तक
नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी – विशाखा नक्षत्र के देवता इंद्राग्नी ( इंद्र और अग्नि ) और स्वामी बृहस्पति देव जी है ।
विशाखा नक्षत्र, नक्षत्र मंडल में उपस्थित 27 नक्षत्रों में 16वां है।
विशाखा नक्षत्र देवी राधा के साथ सम्बंधित है जो उनकी प्रसन्नता को दर्शाता है, भगवान श्री कृष्ण के प्रति उनके प्रेम को दर्शाता है।
विशाखा नक्षत्र वास्तव में पत्तियों से सजाया गया एक तोरण द्वार का प्रतीक है, जिसका मुख्य रूप से विवाह समारोहों में आवश्यकता है।
इस नक्षत्र का आराध्य वृक्ष : कटाई, नागकेशर तथा स्वाभाव अशुभ माना गया है। विशाखा नक्षत्र सितारे का लिंग महिला है।
इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक पर जीवन भर बृहस्पति देव जी का प्रभाव बना रहता है।
विशाखा नक्षत्र वालो को कभी धन की कमी नहीं सताती, या धन की परेशानी हो भी तो अधिक समय तक नहीं रहती। विशाखा नक्षत्र वाले लोग बहुत भाग्यवान होते हैं।
विशाखा नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्तियों में अपने परिवार के प्रति विशेष लगाव रहता है। इन्हे एकल परिवार की बजाय संयुक्त परिवार में रहना ज्यादा पसंद होता है ।
विशाखा नक्षत्र वाले जातको के लिए भाग्यशाली संख्या 3 और 9, भाग्यशाली रंग, सुनहरा, भाग्यशाली दिन मंगलवार, शुक्रवार और गुरुवार माना जाता है ।
विशाखा नक्षत्र में जन्मे जातको को तथा जिस दिन यह नक्षत्र हो उस दिन सभी को “ॐ इंद्राग्नीभ्यां नमः” अथवा “ॐ विशाखाभ्यां नमः”। मन्त्र की एक माला का जाप अवश्य करना चाहिए ।
धनतेरस के दिन इस उपाय से पूरे वर्ष होगा प्रचुर मात्रा में धन लाभ, धनतेरस के दिन अवश्य करें ये उपाय

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योग :- आयुष्मान 04.59 AM शुक्रवार 24 अक्टूबर तक
योग के स्वामी, स्वभाव :- आयुष्मान योग के स्वामी चंद्र देव एवं स्वभाव श्रेष्ठ माना जाता है ।
प्रथम करण :- बालव 09.32 AM तक
करण के स्वामी, स्वभाव :- बालव करण के स्वामी ब्रह्म जी और स्वभाव सौम्य है ।
द्वितीय करण :- कौलव 22.43 PM तक तत्पश्चात तैतिल
करण के स्वामी, स्वभाव :- कौलव करण के स्वामी मित्र और स्वभाव सौम्य है ।
ब्रह्म मुहूर्त : 4.42 AM से 5.32 AM तक
विजय मुहूर्त : 14.01 PM से 14.47 PM तक
गोधूलि मुहूर्त : 17.50 PM से 18.15 PM तक
अमृत काल : 11.03 AM से 12.42 PM तक
- दिशाशूल (Dishashool)– बृहस्पतिवार को दक्षिण दिशा एवं अग्निकोण का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से सरसो के दाने या जीरा खाकर जाएँ ।
- गुलिक काल : – गुलिक 09:30 AM से 11 AM बजे तक ।
- राहुकाल (Rahukaal)– दिन – 1:30 PM से 3:00 PM तक।
- सूर्योदय – प्रातः 06:21
- सूर्यास्त – सायं 17:41
- विशेष – द्वितीया को बैगन, कटहल और नींबू का सेवन नहीं करना चाहिए ।
- पर्व त्यौहार– भाई दूज / यम द्वितीया
- मुहूर्त (Muhurt) –
“हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी ), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस गुरुवार का पंचाग, Guruwar Ka Panchag, सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।
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आप पर ईश्वर का सदैव आशीर्वाद बना रहे ।
आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।
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( हस्त रेखा, कुंडली, ज्योतिष विशेषज्ञ )
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नमो-नमो गुरु देव
नमो नमो