Thursday, March 28, 2024
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pooja ghar ka vastu, पूजा घर का वास्तु

pooja ghar ka vastu, पूजा घर का वास्तु,

कोई भी व्यक्ति चाहे किसी भी धर्म का हो उसके भवन में पूजा का स्थान / पूजा घर, pooja ghar अवश्य ही होता है । हिदु धर्म में पूजा के लिए भवन में ईशान की दिशा को सर्वश्रेष्ठ माना गया है ।

मान्यता है यदि पूजा घर का वास्तु, pooja ghar ka vastu, सही हो तो उस घर के निवासी निश्चय ही श्रेष्ठ जीवन जीते है।

चाहे भवन का मुख किसी भी दिशा में हो लेकिन पूजा घर का वास्तु, pooja ghar ka vastu, सही होना अनिवार्य है । पूजा घर यथा संभव ईशान कोण में बनाने से शुभ प्रभाव प्राप्त होते है, पूजा घर के लिए पूर्व और उत्तर की दिशा भी शुभ मानी जाती है ।

ध्यान रहे की पूजा घर इस तरह से बनाया जाये कि पूजा करते समय व्यक्ति का मुख पूर्व अथवा उत्तर दिशा की ओर ही रहे ।

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प्राचीन ऋषिमुनियों के अनुसार धन प्राप्ति के लिए उत्तर दिशा एवं ज्ञान प्राप्ति के लिए पर्व दिशा की ओर मुख करके पूजा करना ही श्रेयकर होता है ।

यहाँ पर हम आपको पूजा घर से सम्बंधित कुछ आसान से वास्तु टिप्स बता रहे है जिससे आपको अवश्य ही लाभ की प्राप्ति होगी । 
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पूजा घर का वास्तु, pooja ghar ka vastu,


* पूजा घर Pooja ghar कभी भी धातु का ना हो, यह लकड़ी, पत्थर और संगमरमर का होना शुभ माना जाता है।

* पूजा का कमरा खुला और बड़ा होना चाहिए। पूजा घर को सीढ़ियों के नीचे बिलकुल भी नहीं बनवाना चाहिए। यह हमेशा ग्राउंड फ्लोर पर होना ही श्रेष्ठ माना गया है , इसे कभी भी तहखाने में भी नहीं बनाना चाहिए । 

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* पूजा घर कभी भी शयन कक्ष में नहीं बनाना चाहिए लेकिन यदि स्थानाभाव के कारण बनाना भी पड़े तो पूजा स्थल में पर्दा अवश्य ही होना चाहिए । दोपहर और रात में पूजास्थल को परदे से अवश्य ही ढक दें । 

* पूजाघर Pooja ghar में मूर्तियां कभी भी प्रवेश द्वार के सम्मुख नहीं होनी चाहिए । 

* पूजाघर pooja ghar में बड़ी, वजनी और प्राण प्रतिष्ठित मूर्तियाँ नहीं रखनी चाहिए । घर के मंदिर में क़म वजन की मूर्तियाँ और तस्वीरें ही रखनी चाहिए। इन्हें दीवार से कुछ दूरी पर रखना चाहिए दीवार से टिका कर नहीं । 

* पूजाघर में देवताओं की मूर्तियां / तस्वीरें एक दूसरे के सामने चाहिए अर्थात देवताओं की दृष्टि एक-दूसरे पर भी नहीं पड़नी चाहिए। 

* पूजाघर में एक ही भगवान की कई सारी मूर्तियाँ एकसाथ नहीं रखनी चाहिए। 

* पूजा घर में भगवान की मूर्तियों के साथ अपने पूर्वजों की तस्वीरें कतई नहीं रखनी चाहिए। 



* पूजाघर में कभी भी टूटी हुई खंडित मूर्तियाँ नहीं रखनी चाहिए। अगर कोई मूर्ति खंडित हो जाए तो उसे तुरंत हटा कर प्रवाहित करा देना चाहिए।

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* घर की पूर्व या उत्तरी दीवार पर घर के कुलदेवता का चित्र भी अवश्य ही लगाएं ।

सुनील परदल
वास्तु विशेषज्ञ

Published By : Memory Museum
Updated On : 2021-06-4 04:20:55 PM

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