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पित्र दोष निवारण के उपाय
Pitra Dosh Nivran Ke upay
नोट --
इन सिद्ध यंत्रों की स्थापना सभी प्राणियों के कल्याण हेतु की गयी है , यदि आपके मन में कोई संदेह है , या आप इन यंत्रों में विश्वास नहीं रखते है तो आप इस पेज को बंद कर दें , परन्तु इन यंत्रों का उपहास एवं अनादर न करें ।
पितृ दोष Pitra Dosh को बहुत ही घातक माना जाता है वर्तमान समय , कलयुग में प्रत्येक जातक / परिवार में कुछ ना कुछ पितृ दोष pitr dosh किसी ना किसी रूप में रहता ही है।
पितृ दोष pitr dosh का यदि निवारण ना किया जाय तो जीवन भर अस्थिरताओं का, संघर्षो का सामना करना पड़ता है, कई बार तो पितृ दोष से पीड़ित जातक ऊंचाई पर जाकर भी अपना सब कुछ गँवा देता है।
पितृ दोष के निवारण pitr dosh ke nivaran के लिए अमावस्या, पितृ पक्ष pitr paksh सावन माह और शनिवार का दिन विशेष रूप से श्रेष्ठ फलदायक है।
जो जातक जीवित अवस्था में अपने माता पिता का अनादर करते है अथवा पिता की मृत्यु के पश्चात जो संतान अपने पिता का श्राद्ध नहीं करता हैं या सर्प हत्या या किसी निरपराध की हत्या करता है तो अगले जन्म में उसकी कुण्डली में पितृदोष ( Pitra dosha) लग जाता है। पितृ दोष को बहुत अशुभ प्रभाव देने वाला माना जाता है।
पितृ दोष होने पर व्यक्ति को अपने जीवन में बहुत अस्थिरता का सामना करना पड़ता है । उसे संतान के सम्बन्ध में कष्ट मिलता है। इस दोष के कारण नौकरी एवं व्यापार में परेशानियाँ आती है, सर पर कर्जा बना रहता है, कोर्ट कचहरी - मुकदमो का सामना करना पड़ता है। विवाह में बाधाये आती है , पारिवारिक जीवन में बहुत क्लेश अशान्ति रहती है, घर के सदस्य बीमार रहते है , मित्रो सम्बन्धियों से धोखा मिलता है, महत्वपूर्ण कार्यों में बार बार असफलता प्राप्त होती है। यहाँ पर हम कुछ उपाय बता रहे है जिसको करके इस घातक दोष में निश्चित ही कमी आ सकती है ।
याद रखे घर के सभी बड़े बुजर्ग को हमेशा प्रेम, सम्मान, और पूर्ण अधिकार दिया जाय , घर के महत्वपूर्ण मसलों पर उनसे सलाह मशविरा करते हुए उनकी राय का भी पूर्ण आदर किया जाय ,प्रतिदिन उनका अभिवादन करते हुए उनका आशीर्वाद लेने, उन्हे पूर्ण रूप से प्रसन्न एवं संतुष्ट रखने से भी निश्चित रूप से पित्र दोष में लाभ मिलता है ।
अपने ज्ञात अज्ञात पूर्वजो के प्रति ईश्वर उपासना के बाद उनके प्रति कृतज्ञता का भाव रखने उनसे अपनी जाने अनजाने में की गयी भूलों की क्षमा माँगने से भी पित्र प्रसन्न होते है ।
सोमवती अमावस्या को दूध की खीर बना, पितरों को अर्पित करने से भी इस दोष में कमी होती है ।
सोमवती अमावस्या के दिन यदि कोई व्यक्ति पीपल के पेड़ पर मीठा जल मिष्ठान एवं जनेऊ अर्पित करते हुये “ऊँ नमो भगवते वासुदेवाएं नमः” मंत्र का जाप करते हुए कम से कम सात या 108 परिक्रमा करे तत्पश्चात् अपने अपराधों एवं त्रुटियों के लिये क्षमा मांगे तो पितृ दोष से उत्पन्न समस्त समस्याओं का निवारण हो जाता है।
प्रत्येक अमावस्या को गाय को पांच फल भी खिलाने चाहिए।
अमावस्या को बबूल के पेड़ पर संध्या के समय भोजन रखने से भी पित्तर प्रसन्न होते है।
प्रत्येक अमावस्या को एक ब्राह्मण को भोजन कराने व दक्षिणा वस्त्र भेंट करने से पितृ दोष कम होता है ।
पितृ दोष ( pitra dosh )से पीड़ित व्यक्ति को प्रतिदिन शिव लिंग पर जल चढ़ाकर महामृत्यूंजय का जाप करना चाहिए ।
माँ काली की नियमित उपासना से भी पितृ दोष ( pitra dosh ) में लाभ मिलता है।
आप चाहे किसी भी धर्म को मानते हो घर में भोजन बनने पर सर्वप्रथम पित्तरों के नाम की खाने की थाली निकालकर गाय को खिलाने से उस घर पर पित्तरों का सदैव आशीर्वाद रहता है घर के मुखियां को भी चाहिए कि वह भी अपनी थाली से पहला ग्रास पित्तरों को नमन करते हुये कौओं के लिये अलग निकालकर उसे खिला दे।
दोस्तों यह साईट बिलकुल निशुल्क है। यदि आपको इस साईट से कुछ भी लाभ प्राप्त हुआ हो , आपको इस साईट के कंटेंट पसंद आते हो तो मदद स्वरुप आप इस साईट को प्रति दिन ना केवल खुद ज्यादा से ज्यादा विजिट करे वरन अपने सम्पर्कियों को भी इस साईट के बारे में अवश्य बताएं .....धन्यवाद ।
Published By : Memory Museum Updated On : 2019-09-15 17:10:00 PM
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नियमित रूप से माँ काली की उपासना से पितृ दोष में लाभ मिलता है।
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पितृ दोष निवारण के लिये यदि कोई व्यक्ति सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर मीठा जल एवं मिष्ठान एवं जनेऊ अर्पित करते हुये "ऊँ नमो भगवते वासुदेवाएं नमः” मंत्र का जाप करते हुये १०८ परिक्रमा करे तत्पश्चात ईश्वर से अपनी एवं त्रुटियों के लिये क्षमा मांगे।
ऐसा करने से पितृ दोष का निवारण हो जाता है।
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