- Home
- डेली टिप्स
- आपका सवाल
- फैमिली ट्री
- तिल विचार
- तुलसी का महत्व
- तुलसी के अचूक उपाय
- तुलसी के औषधीय गुण
- श्रीराम शलाका
- श्री हनुमान प्रश्नावली
- पीपल का महत्व
- पीपल के चमत्कारी उपाय
- तुलसी विवाह
- पीपल के अचूक उपाय
- तिजोरी की दिशा
- तिजोरी के खास उपाय
- तिजोरी में क्या रखे क्या ना रखे
- दीर्घ आयु के उपाय
- बुरे समय बदलने के उपाय
- देवताओं के प्रिय फूल
- देवताओं की परिक्रमा
- स्त्रियों के महत्वपूर्ण तथ्य
- जानिए स्त्री का स्वभाव
- अपने रंग से जाने स्वभाव
- पहले अक्षर से जाने खास बातें
- स्वर का चमत्कार
- सुबह स्नान से लाभ
- ब्रह्ममुहूर्त में जागने से फायदे
- तिल विचार
- अपना भाग्य चमकाएँ
- रंगों से बदले भाग्य
- नकारात्मक ऊर्जा से बचें
- अचला सप्तमी का महत्व
- सूर्य देव को अर्ध्य
- सूर्य देव को अर्ध्य
- अचला सप्तमी का महत्व
- शिवरात्रि की पूजा
- शिवपूजा में रखे ध्यान
- महाशिवरात्रि के उपाय
- राशिनुसार शिवपूजा
- विजयदशमी के अचूक उपाय
- दशहरे के उपाय
- स्वप्न विचार
- पूर्णिमा के उपाय
- पूर्णिमा के उपाय
- पूर्णिमा के अचूक टोटके
- श्री सूक्त का महत्व
- श्री सूक्त का पाठ
- शनि अमावस्या के उपाय
- शनि की साढ़ेसाती
- शनि देव को कैसे प्रसन्न करें
- हनुमानजी के बारह नाम
- महिलाएं कैसे करें हनुमान जी की अराधना
- भोजन से ग्रहो के उपाय
- देव दीपावली का महत्व
- मौनी अमावस्या का महत्त्व
- कार्तिक पूर्णिमा का महत्व
- कार्तिक पूर्णिमा स्नान का महत्व
- तुलसी विवाह का महत्व
- तुलसी विवाह की कथा
- तुलसी विवाह कैसे करें
- लाभ पँचमी का महत्व
- लाभ पँचमी के उपाय
- छठ पर्व
- छठ पूजा का महत्व
- छठ पूजा विशेष
- सोमवती अमावस्या
- सोमवती अमावस्या के उपाय
- सोमवती अमावस्या की कथा
- अमावस्या के चमत्कारी उपाय
- अमावस्या के महत्वपूर्ण उपाय
- अमावस्या के अचूक उपाय
- अमावस्या पर प्राप्त करें दैवीय कृपा
- अमावस्या पर पाएं पितरों की पूर्ण कृपा
- हनुमान जयंती
- माघ पूर्णिमा का महत्व
- गुरु पूर्णिमा का महत्व
- गुरु पूर्णिमा के उपाय
- माँ लक्ष्मी की उत्पत्ति
- शरद पूर्णिमा का महत्व
- शरद पूर्णिमा की पूजा विधि
- शरद पूर्णिमा के उपाय
- शनि अमावस्या
- माघ पूर्णिमा का महत्व
- माँ दुर्गा के चमत्कारी नाम
- माँ सरस्वती के चमत्कारी नाम
- राशिानुसार सूर्यग्रहण के उपाय
- लाभ पँचमी का महत्व
- लाभ पँचमी के उपाय
- पर्व त्यौहार
- राम शलाका
- घरेलू उपचार
- पथ्य अपथ्य आहार
- पौष्टिक आहार
- थकान कैसे दूर करें
- सर्दियों के आहार
- सर्दियों के विशेष आहार
- सर्दी को दूर करने के उपाय
- सर्दी जुकाम के घरेलू उपचार
- सर्दी जुकाम दूर करने के उपाय
- धूम्रपान के नुकसान
- धूम्रपान छुड़ाने के उपाय
- धूम्रपान के घरेलू उपाय
- शराब छुड़ाने के उपाय
- शराब छुड़ाने के आसान उपाय
- शराब छुड़ाने के अचूक टोटके
- गंजेपन के घरेलु उपचार
- झुर्रियों से बचाव वा उपचार
- झुर्रियों को मिटाने के उपाय
- सदा जवान रहने का उपाय
- बुढ़ापा दूर करने का उपाय
- बुढ़ापा दूर करने का उपाय
- आँखों की रौशनी बढ़ाने के उपाय
- आँखों की रौशनी तेज करने के उपाय
- आँखों से चश्मा हटाने के उपाय
- बवासीर के घरेलू उपचार
- कब्ज के घरेलू उपचार
- उच्च रक्तचाप के उपचार
- गठिया के घरेलू उपचार
- जोड़ों के दर्द का इलाज
- गठिया की दवा
- गठिया जोड़ो के दर्द का आयुवेदिक इलाज
- सफेद बालों के घरेलू उपचार
- गिरते बालों के घरेलू उपचार
- बालों का गिरना कैसे रोके
- बालो को काला कैसे करें
- बालों को घना मज़बूत करने के उपाय
- सफ़ेद दाग के घरेलू उपचार
- जलने के उपचार
- दाद - खाज,खुजली के उपाय
- थाइराइड क्या है
- थाइराइड के कारण
- थाइराइड के लक्षण
- थाइराइड के उपचार
- थाइराइड में सावधानिया
- पीलिया के घरेलू उपचार
- नकसीर के घरेलू उपचार
- पेट दर्द के घरेलू उपचार
- पेट में गैस के घरेलू उपचार
- सर दर्द के घरेलू उपचार
- सर्दी जुकाम के घरेलू उपचार
- खाँसी के घरेलू उपचार
- खाँसी का इलाज
- दाँत दर्द के घरेलू उपचार
- कान दर्द के घरेलू उपचार
- मोतियाबिंद से बचाव और उपचार
- मुहँ में छाले के उपाय
- मस्से के घरेलू उपचार
- मस्सो को जड़ से हटाने के उपाय
- दमा के घरेलू उपचार
- बदन दर्द के घरेलू उपचार
- कमर दर्द के उपाय
- गुस्सा दूर करने के उपाय
- मोच के घरेलू उपचार
- उल्टी और दस्त के घरेलू उपचार
- माइग्रेन के घरेलू उपचार
- लकवे के उपाय
- लू के घरेलु उपचार
- गंभीर रोग
- डेंगू से बचाव एवं उपचार
- डेंगू के अचूक उपाय
- डेंगू के घरेलू उपचार
- स्वाइन फ्लू के उपचार
- स्वाइन फ्लू के लक्षण
- स्वाइन फ्लू के उपचार
- पथरी के घरेलू उपचार
- पथरी की दवा
- पथरी के अचूक इलाज
- पथरी के आयुर्वेदिक उपचार
- लिवर के घरेलु उपचार
- कैंसर से बचाव / सावधानियाँ
- कोलेस्ट्रोल कैसे कम करें
- कोलेस्ट्रोल बढ़ने के कारण
- कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण
- कोलेस्ट्रॉल में सावधानियाँ
- कोलेस्ट्रॉल के घरेलु उपचार
- मधुमेह के कारण
- मधुमेह के लक्षण
- मधुमेह के घरेलू उपचार
- मधुमेह के कारण
- मधुमेह के लक्षण
- मधुमेह के घरेलू उपचार
- शुगर का उपचार
- दिल की बीमारियों के घरेलू उपचार
- युवाओं का पेज
- हड्डियों को मजबूत करने का उपाय
- ताम्बे के बर्तन में पानी पीने से लाभ
- गर्म पानी पीने के लाभ
- इंटरव्यू टिप्स
- स्मरण शक्ति बढ़ाने के उपाय
- दिमाग तेज करने के उपाय
- याददाश्त बढ़ाने के उपाय
- प्रतियोगी परीक्षा में सफलता प्राप्ति के उपाय
- परीक्षा में अच्छे अंक लाने के उपाय
- पढ़ाई में मन लगाने के उपाय
- कील मुंहासे के उपाय
- कील मुहाँसो की दवा
- कील मुंहासे का इलाज
- गोरा होने के घरेलू उपचार
- गोरा रंग कैसे पाएं
- सुंदरता बढ़ाने के उपाय
- खूबसूरत कैसे बने
- लम्बाई बढ़ाने के घरेलू उपचार
- लम्बाई कैसे बढ़ाएं
- लम्बाई बढ़ाने के आयुर्वेदिक उपचार
- कद कैसे लम्बा करें
- एक माह में 4 किलो तक वजन घटायें
- वज़न घटाने के घरेलू उपाय
- मोटापे के चमत्कारी उपाय
- मोटापा घटाने के उपाय
- पतले होने के घरेलू उपाय
- सुरीली आवाज के उपाय
- पसीने की बदबू को दूर करने के उपाय
- राशिफल
- दैनिक राशिफल
- साप्ताहिक राशिफल
- मासिक राशिफल
- वार्षिक राशिफल
- वर्ष 2018 के मेष राशि के उपाय
- वर्ष 2018 के वृष राशि के उपाय
- वर्ष 2018 के मिथुन राशि के उपाय
- वर्ष 2018 के कर्क राशि के उपाय
- वर्ष 2018 के सिंह राशि के उपाय
- वर्ष 2018 के कन्या राशि के उपाय
- वर्ष 2018 के तुला राशि के उपाय
- वर्ष 2018 के वृश्चिक राशि के उपाय
- वर्ष 2018 के धनु राशि के उपाय
- वर्ष 2018 के मकर राशि के उपाय
- वर्ष 2018 के कुम्भ राशि के उपाय
- वर्ष 2018 के मीन राशि के उपाय
- 2017 का राशिफल
- 2017 के उपाय
- मेष,वृषभ,मिथुन के वार्षिक उपाय
- कर्क,सिंह ,कन्या के वार्षिक उपाय
- तुला,वृश्चिक,धनु के वार्षिक उपाय
- मकर ,कुम्भ ,मीन के वार्षिक उपाय
- महत्वपूर्ण उपाय
- सिद्ध चमत्कारी यन्त्र
- विघ्न बाधाएं दूर करने के उपाय
- कार्यो में रूकावट दूर करने के उपाय
- मानसिक तनाव दूर करने के उपाय
- लक्ष्मी प्राप्ति के उपाय
- धन लाभ का उपाय
- सुख-समृद्धि के उपाय
- रोग निवारण के उपाय
- बीमारी दूर करने के उपाय
- रोगों से छुटकारा पाने के उपाय
- बीमारी से मुक्ति के टोटके
- धन प्राप्ति के उपाय
- माँ लक्ष्मी के 18 पुत्र
- धन संपत्ति पाने के उपाय
- व्यापार में सफलता के उपाय
- व्यापार में वृद्धि के उपाय
- कारोबार बढाने के उपाय
- व्यापार में सफलता के उपाय
- नौकरी पाने के अचूक उपाय
- स्थानांतरण के उपाय
- परीक्षा में सफलता के उपाय
- प्रतियोगी परीक्षा में सफलता प्राप्ति के उपाय
- सर्वत्र सफलता के उपाय
- जीवन में सफलता के उपाय
- कार्यो में सफलता के उपाय
- काम में सफलता के उपाय
- सप्ताह के सातो दिन के उपाय
- परिवार में सुख शांति के उपाय
- घर में सुख शांति के उपाय
- परिवार में प्रेम बढ़ाने के उपाय
- गृह शांति के आसान उपाय
- गृह कलह दूर करने के उपाय
- पारिवार में कलह दूर करने के उपाय
- सास बहु के सम्बन्ध
- सास बहु
- संतान प्राप्ति के उपाय
- सर्वत्र सफलता के उपाय
- फँसा धन प्राप्त करने के उपाय
- प्रेम में सफलता के उपाय
- सच्चा प्यार पाने के उपाय
- मनचाहा प्यार पाने के उपाय
- प्रेम के देव कामदेव
- कामदेव जी का सम्मोहन का मंत्र
- सुन्दरता बढ़ाने का मन्त्र
- आकर्षण शंक्ति कैसे बढाएं
- आकर्षित कैसे करें
- प्रभावित करने के उपाय
- बुरी नज़र से बचने के उपाय
- शत्रु निवारण के उपाय
- शीघ्र विवाह के उपाय
- विवाह में देरी के उपाय
- जल्दी शादी के उपाय
- सुन्दर, समझदार पत्नी का उपाय
- कर्जा मुक्ति के उपाय
- क़र्ज़ से छुटकारा पाने के उपाय
- मुकदमा विजय के उपाय
- कोर्ट केस जीतने के उपाय
- अपना घर बनाने के उपाय
- संपत्ति बेचने के उपाय
- पितृदोष निवारण के उपाय
- मानसिक चिंताओं को दूर करने के उपाय
- मान सम्मान प्राप्ति के उपाय
- यश कीर्ति पाने के उपाय
- सम्मान पाने के उपाय
- प्रेम संबंधो में फैंगशुई
- फैंगशुई के उपाय
- गणेश यन्त्र
- श्री यन्त्र
- महामृत्युंजय यंत्र
- दुर्गा वीसा यन्त्र
- महालक्ष्मी यन्त्र
- सरस्वती यन्त्र
- नव ग्रह यन्त्र
- संतान गोपाल यन्त्र
- कुबेर यन्त्र
- सर्व कार्य सिद्धि यन्त्र
- व्यापार वृदि यन्त्र
- मुकदमा विजयी यन्त्र
- पित्र दोष निवारण यन्त्र
- वाहन दुर्घटना नाशक यंत्र
- राशिनुसार उपाय
- राशिनुसार रत्न
- राशिनुसार मन्त्र
- राशिनुसार बनाएँ कैरियर
- राशिनुसार रोग निवारण
- राशिनुसार जीवनपर्यन्त उपाय
- राशिनुसार कार्य क्षेत्र के उपाय
- राशिनुसार लाल किताब के उपाय
- राशिनुसार लकी चार्म
- राशिनुसार वृक्ष/पौधे
- राशिनुसार दान
- भैरव अष्टमी
- काल भैरव की उत्पत्ति
- भैरव नाथ को कैसे प्रसन्न करें
- लक्ष्मी मंदिर श्रीपुरम
- दाम्पत्य जीवन में प्रेम
- कालसर्प योग के उपाय
- मनोकामनाओं हेतु वृक्ष
- घर में शुभ अशुभ पौधे
- ग्रहों के शुभ फलो के लिए दान
- ग्रह अनुसार रत्न
- रत्नो का मेल
- शुभ अशुभ विचार
- Diwali Tips
- करवा चौथ का महत्व
- करवा चौथ की कथा
- करवा चौथ के उपाय
- सोलह श्रंगार
- करवा चौथ का महत्व
- वास्तुशास्त्र
- रेस्टोरेंट का वास्तु
- दुकान का वास्तु
- आफिस / कार्यालय का वास्तु
- गृह निर्माण के लिए शुभ मुहूर्त
- मुख्य द्वार का वास्तु
- मुख्य द्वार के वास्तु टिप्स
- वास्तु के अचूक उपाय
- वास्तु दोष निवारण के उपाय
- द्वारवेध के उपाय
- खिड़कियों का वास्तु
- सीढ़ियों का वास्तु
- रसोई घर का वास्तु
- रसोई के वास्तु टिप्स
- रसोई घर के वास्तु दोष के उपाय
- शौचालय-स्नानघर का वास्तु
- बच्चो के कमरे का वास्तु
- ईशानमुखी भवन का वास्तु
- पूर्वोन्मुखी भूखण्ड का वास्तु
- आग्नेयमुखी भवन का वास्तु
- दक्षिणमुखी भवन का वास्तु
- नैत्रत्यमुखी भवन का वास्तु
- पश्चिममुखी भवन का वास्तु
- वायव्यमुखी भवन का वास्तु
- उत्तरमुखी भवन का वास्तु
- पूजा घर का वास्तु
- शयनकक्ष-बैडरूम का वास्तु
- ड्रॉइंग रूम का वास्तु
- मुहूर्त
- आज का पंचाग
- आज के शुभ अशुभ मुहूर्त
- एकादशी का महत्व
- एकादशी के अचूक उपाय
- एकादशी के भाग्य चमकाने के उपाय
- एकादशी के दिन क्या ना करें
- दरिद्रता दूर करने का उपाय
- देव प्रबोधनी एकादशी की कथा
- ऐश्वर्य प्राप्ति के उपाय
- वर्ष 2018 के पर्व और त्यौहार
- साल 2018 के पर्व एवं त्यौहार
- वर्ष 2017 के पर्व और त्यौहार
- पुष्य नक्षत्र
- पुष्य नक्षत्र के उपाय
- माह के शुभ अशुभ मुहूर्त
- वर्ष के पर्व और त्यौहार
- पंचाग का महत्व
- द्विपुष्कर / त्रिपुष्कर योग
- विवाह के शुभ मुहूर्त
- 2018 में विवाह के शुभ मुहूर्त
- 2017 में विवाह के शुभ मुहूर्त
- व्यापार का मुहूर्त
- यात्रा के शुभ मुहूर्त
- यात्रा में सफलता के उपाय
- समझौते का मुहूर्त
- गृह निर्माण के शुभ मुहूर्त
- कृष्ण पक्ष - शुक्ल पक्ष
- शुभ मुहूर्त, योग
- शुभ अशुभ विचार
- तिथिनुसार शुभ मुहूर्त
- शुभ - अशुभ चौघड़िया
- राहु काल
- भद्रा क्या है
- पंचक
- दिशाशूल
- गंडमूल नक्षत्र
- पितृ पक्ष
- शिवरात्रि
loading...
नैत्रत्यमुखी भवन का वास्तु

जानिए नैत्रत्यमुखी भवन के वास्तु टिप्स

नैत्रत्यमुखी भवन वास्तु
Naitratva mukhi vastu

भूखण्ड का वास्तु
Bukhand Ka vastu
जिस भवन में केवल नैत्रत्य कोण यानि दक्षिणी पश्चिम दिशा में मार्ग होता है वह नैत्रत्यमुखी भवन कहलाते है । नैत्रत्य वास्तु की परिभाषा में सबसे निकृष्ट कहलाता है। इसे दुर्भाग्य अथवा नरक की दिशा भी कहते है । इसलिए इस दिशा के भवन में बहुत ही ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए। राहु नैत्रत्य दिशा का स्वामी ग्रह और निरित्ती इसकी देवी है । राहु को छाया ग्रह माना गया है । गरुड़ पुराण के अनुसार निरित्ती का शरीर काला और भीमकाय है। इसीलिए इस दिशा को सबसे ऊँचा और भारी रखा जाता है । यह क्रूर स्वभाव की है और मनुष्य की ही सवारी करती है, इनका रंग काला है जो अंधकार का सूचक है अत: नैत्रत्य दिशा का रंग भी काला ही माना गया है ।
नैत्रत्यमुखी भवन के शुभ अशुभ प्रभाव गृह स्वामी, उसकी पत्नी और बड़े पुत्र पर पड़ता है । इस भवन में वास्तु दोष होने से आकस्मिक मृत्यु, आत्महत्या, प्राकृतिक विपदा, भूत प्रेत बाधा आदि अशुभ प्रभाव का सामना करना पड़ता है । वैसे तो इस नैत्रत्यमुखी भवन का यथा संभव त्याग ही कर देना चाहिए लेकिन इन भवनो में भी वास्तु के सिद्दांतों का पालन करते हुए अवश्य ही शुभ परिणाम प्राप्त किये जा सकते है ।
नैत्रत्य मुखी भवन में निर्माण के समय ही घर की नीवं में लोहा, ताम्बा, चाँदी या सोने का नागो का जोड़ा जमीन में अवश्य ही गाड़ देना चाहिए जिससे राहु और निरित्ती दोनों ही तृप्त रहे और घर के सदस्य उनके बुरे प्रभाव से बच सकें ।
नैत्रत्य मुखी भवन में इसका सम्मुख भाग बिलकुल भी बड़ा या कटा हुआ नहीं होना चाहिए ।
नैत्रत्य दिशा में खिड़की और दरवाजे या तो बिलकुल भी ना हो और यदि हो तो ज्यादातर बंद ही रहने चाहिए ।
नैत्रत्य मुखी भवन में मुख्य द्वार दक्षिणी नैत्रत्य एवं पश्चिमी नैत्रत्य दोनों ही में अच्छे नहीं समझे जाते है क्योंकि यह शस्त्रु की दिशा मानी जाती है, इसलिए मुख्य द्वार इस दिशा में नहीं वरन पश्चिम वायव्य दिशा में बनाना चाहिए । इस दिशा में द्वार बहुत बड़ा नहीं वरन छोटा बनाना चाहिए और एक बड़ा द्वार ईशान कोण में भी जरूर बनाना चाहिए ।
नैत्रत्य मुखी भवन में शुक्ल पक्ष के किसी अच्छे मुहूर्त में शनिवार को संध्या के समय ताम्बे में बने राहु यंत्र को स्थापित करना चाहिए । इसे इस दिशा में जो भी कमरा हो उसके दाहिनी तरफ टांगना चाहिए अथवा किसी उचित जगह ताम्बे की किलों से ही लगाना चाहिए ।
नैत्रत्य मुखी भवन के सम्मुख भाग में चारदीवारी से मिलाकर ही निर्माण कराना चाहिए इस दिशा में कुछ भी खाली स्थान बिलकुल भी नहीं छोड़ना चाहिए ।
नैत्रत्य मुखी भवन के सामने वाले हिस्से में बनाये गए कक्ष का फर्श एवं उसकी ऊंचाई दोनों ही ज्यादा होनी चाहिए एवं इस कोण के कक्ष की दीवारे भी यथा संभव मोटी रहनी चाहिए ।
नैत्रत्य कोण में बने कक्ष में सदैव भारी और अनुपयोगी सामान ही रखना चाहिए ।
भवन निर्माण में ईशान और नैत्रत्य दोनों ही दिशा बहुत प्रमुख मानी गयी है यह दोनों ही दिशाएं एक दूसरे से बिलकुल उलट है । नैत्रत्य दिशा ऊँची लेकिन ईशान दिशा नीची रहनी चाहिए, नैत्रत्य दिशा बंद अर्थात ढकी हुई लेकिन ईशान दिशा ज्यादा से ज्यादा खुली होनी चाहिए साथ ही नैत्रत्य दिशा भारी लेकिन ईशान दिशा सदैव हल्की रहनी चाहिए ।
नैत्रत्य मुखी भवन में सामने के भाग में यदि ऊँचे पेड़, ऊँचे टीले अथवा ऊँची इमारते हो तो यह बहुत ही शुभ होता है ।
नैत्रत्य मुखी भवन में सामने के भाग में गढ्ढेः बिलकुल भी नहीं होने चाहिए और इसके सामने का हिस्सा नीचा बिलकुल भी नहीं होना चाहिए ।

अपने उपाय/ टोटके भी लिखे :-----
- All Post
- Admin Post
1.
पितरों की तस्वीर किस दीवार में लगानी चाहिए ।।
amarjeet
2.
नैऋत्य कोण कटा हुआ है । इस कोण में पहली मंजील पर खपड़े का कमरा है। मकान के उत्तर में खाली जगह है। आंगन के दक्षिण व पश्चिम में कमरा व वरामदा एवं पश्चिम मे ं सिढ़ी है। सिढ़ी पश्चिम की ओर चढ़कर दक्षिण की ओर छत पर जाते है। आंगन के पूरब में पड़ोसी का मकान है।हैंडपंप आंगन के उत्तर व पूर्व दिशा में है।प्लाट के उत्तर व पूर्व में है। आंगन की लंबाई पूर्व पश्चिम है। पानी क बहाव उत्तर ईशान कोण में है। आंगन के उत्तर दीवार से बाहर की तरफ वरामदा है। जिसका फर्स सबसे उचा है। पूरव अग्नि कोण में रसोई घर है। वायव्य कोण यानि उत्तर पश्चिम कोणा में ट्वायलेट एवं सेप्टिक टैंक बाउंड्री के साथ है। उत्तर में नीम का पेड़ है जो मकान से उँचा है। दक्षिण में चार कमरे में से दो कमरा पक्की है और दो कमरा फूस से ढका है।
जर्वन प्रसाद सिंह
No Tips !!!!
दोस्तों यह साईट बिलकुल निशुल्क है। यदि आपको इस साईट से कुछ भी लाभ प्राप्त हुआ हो , आपको इस साईट के कंटेंट पसंद आते हो तो मदद स्वरुप आप इस साईट को प्रति दिन ना केवल खुद ज्यादा से ज्यादा विजिट करे वरन अपने सम्पर्कियों को भी इस साईट के बारे में अवश्य बताएं .....धन्यवाद ।
अब आप भी ज्वाइन करे मेमोरी म्यूजियम
नैत्रत्यमुखी भवन का वास्तु

जानिए नैत्रत्यमुखी भवन का वास्तु, जिससे इस दिशा के अशुभ प्रभावों से बचा जा सके,